केरल के 5 मुख्य अय्यप्पा मंदिरों में प्रमुख है अच्चनकोविल शास्ता मंदिर । यहाँ अय्यप्पन का गृहस्थ रूप है, अर्थात् शादीशुदा युवा के समान गृहस्थ जीवन का । अय्यप्पन की दो पत्नियाँ - पूर्णा और पुषकला उसके साथ हैं । यहाँ की मूर्ति की स्थापना परशुराम ने की थी ।
विषसर्प काटने की चिकित्सा यहाँ है । अय्यप्पन की मूर्ति के बायें हाथ में हमेशा चंदन और तीर्थ पकड़ा है । यह विषसर्प काटने की दवा का प्रतीक है । यहां अन्य उपदेवता भी हैं । यहाँ तमिल रीतिरिवाज़ से पूजाएँ होती हैं । शबरीमला मंडल उत्सव के समय यहाँ भी भक्त आते हैं । मानते है कि इस मूर्ति की स्थापना परशुराम ने की थी । मुख्य अय्यप्पा मूर्ति के दोनों ओर पूर्णा एवं पुष्कला देवी की मूर्तियाँ हैं । यहां का सबसे प्रमुख उत्सव धनु महीने के पहले दिन से दसवें दिन तक मनाया जाता है ।