यह अय्यप्पा मंदिर है । केरल के 5 मुख्य अय्यप्पा मंदिरों में प्रमुख है । इसे आर्यंकाव शास्ता मंदिर भी पुकारते हैं । यहाँ अय्यप्पा का कुमार रूप है । वे तिरु आर्यन की यहां पुकारते हैं, अतः मंदिर का नाम पडा आर्यंकाव ।
मंदिर के चारों ओर जंगल है । यह तिरुवनन्तपुरम - तेंकाशी राजमार्ग पर है । शबरीमला के समान यहाँ भी 10 से 50 तक आयुवाली महिलाओं को प्रवेश निषेध है । यहाँ की सभी पूजा-आराधना तमिल विश्वास के अनुरूप है । यहाँ देवी, शिवा और शास्ता की मूर्तियाँ हैं । अय्यप्पा की बालमूर्ति की बार्इं ओर देवी और दार्इं ओर शिव देव हैं ।
शबरीमला मंडल उत्सव के अंतिम समय में यहां का बी उत्सव है । यहाँ के उत्सव में पांडियन मुडिप्पु, तृक्कल्याणम, कुंभाभिषेकम आदि मुख्य हैं । कोल्लम-पुनलूर- तेंकाशी रास्ते से या तिरुवनन्तपुरम - तेंकाशी रास्ते से यहाँ पहुँच सकते हैं ।