यह पत्तनंतिट्टा जिला के पूर्वदिशा में निलक्कल में है । यह शिव का मंदिर है । यह एक प्रमुख सबरीमाला यात्रियों का शरणालय है । इसका प्रशासन तिरुवितांकूर देवस्वम बोर्ड करता है । सबरीमाला मौसम में लाखों भक्त यहाँ आ लाते हैं । इसमें शिव का दो रूप है । एक उग्ररूप और दूसरा मंगलप्रसादक रूप । विश्वास है कि शिव महादेव ने यहाँ पर शास्ता को मार्ग की दुविधाओं से बचाया था । अन्य शिव मंदिरों के समान यहाँ भी अनेक बैल हैं । मंदिर में दो उपमूर्तियाँ है - कन्निमूला गणपति और नंदी । हर दिन तीन पूजाएँ होती हैं -सुबह में उषपूजा, दुपहर को उच्चपूजा और शाम को दीपाराधना । हफ्ते में रविवार, सोमवार औैर शुक्रवार मुख्य दिवस माने जाते हैं ।
यहाँ का मुख्य उत्सव महाशिवरात्रि है । शिवरात्रि के अलावा तिरुउत्सव श्रेष्ठ है । शबरीमला यात्रा के दौरान तीर्थयात्री यहाँ आ जाते हैं ।